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Monday, 21 January 2013

दान पर महापुरुषों के अनमोल विचार |

जब घर में धन और नाव में पानी आने लगे, तो उसे दोनों हाथों से निकालें. 
ऐसा करने में बुद्धिमानी है. हमें धन की अधिकता सुखी नहीं बनाती.  
- संत कबीर   



दान से वस्तु  घटती नहीं बल्कि बढ़ती है. 
-अज्ञात 


दान के लिए वर्तमान ही सबसे उचित समय है|
-अज्ञात 

युधिस्तर के पास एक भिखारी आया. उन्होंने उसे अगले दिन आने के लिए कह दिया. इस पर भीम हर्षित हो उठे. उन्होंने सोचा कि उनके बड़े भाई ने कल तक के लिए मृत्यु पर विजय प्राप्त कर ली है
- महाभारत      


विनम्र भाव से ऐसे दान करना चाहिए जैसे उसके लेने से आप कृतज्ञ हुए.
- डा. के. के. अग्रवाल  

जीवन की माप उसके अवधि से नहीं बल्कि उसके दान से है.
-पीटर मार्शल
 


एक व्यक्ति का मन इस बात में होता है की वह क्या दे सकता है , इसमें नहीं की वह क्या पा सकता है 
-ऐनी फ्रैंक

"कोई भी व्यक्ति दान देकर कभी  गरीब नहीं बना  है."
-ओपराह विनफ्रे

दान को कर्त्तव्य के रूप में नहीं बल्कि एक विशेषाधिकार के रूप में देखें |

-बारबरा बुश 

प्यार देकर बढ़ता है | जो प्यार हम दूसरों को देते हैं वही हमारे साथ रहता है | प्यार को बनाये रखने का एक ही तरीका है और वह है बांटने का |
-एलेअनोर  रूज़वेल्ट 


हम आपनी जीविका जो हमें मिलता है उससे चलाते हैं लेकिन हम दान देकर किसी की जिंदगी बनाते हैं |
-माया  एंजेलो 

दान के कई आन्या फायदों के अलावा मैंने ये पाया है की यह दाता की आत्मा तो भी मुक्त करता है | 
-जिम रोन

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